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ये कौन मर रहा है और क्यों मर रहा है ?
जो मर रहा है उसकी पहचान क्या है ?
वो कौन हैं जो अनायास मर रहे हैं ?
क्या इनकी कोई मियाद है की ये कब तक ?
ये सरकारें इस तरह के हमले की जिम्मेदार हैं ?
या जिम्मेदार हैं ही नहीं ?
माओवादी या नक्सलवादी या नेता ?
कौन खतरनाक कितना मुल्क या मानवता के लिए ?
कौन तय करेगा ?
नई राजनीति, नई अर्थनीति, नई विदेशनीति ?
ये कौन मर रहा है और क्यों मर रहा है ?
जो मर रहा है उसकी पहचान क्या है ?
वो कौन हैं जो अनायास मर रहे हैं ?
क्या इनकी कोई मियाद है की ये कब तक ?
ये सरकारें इस तरह के हमले की जिम्मेदार हैं ?
या जिम्मेदार हैं ही नहीं ?
माओवादी या नक्सलवादी या नेता ?
कौन खतरनाक कितना मुल्क या मानवता के लिए ?
कौन तय करेगा ?
नई राजनीति, नई अर्थनीति, नई विदेशनीति ?
और नई शिक्षानीति, समाजवाद, पूंजीवाद ?
साम्प्रदायिकता, जातिवाद, का अंत क्या है ?
कितने दिनों से इस या उस देश के !
उन काबिल कौमों के ठेकेदारों ने ?
यह दोष दूसरों पर मढ़ते आ रहे हैं ?
इन्हें कौन बताये की जो दोष तुम छुपाये हो
उसी में अपराध के बीज छुपे हुए है।
तभी तो वे निरन्तर अपराध करते आ रहे हैं ?
साम्प्रदायिकता, जातिवाद, का अंत क्या है ?
कितने दिनों से इस या उस देश के !
उन काबिल कौमों के ठेकेदारों ने ?
यह दोष दूसरों पर मढ़ते आ रहे हैं ?
इन्हें कौन बताये की जो दोष तुम छुपाये हो
उसी में अपराध के बीज छुपे हुए है।
तभी तो वे निरन्तर अपराध करते आ रहे हैं ?
हत्या, अपहरण, लूट की करामात !
किससे-किससे छुपा रहे हो !
जिसको रोकना था जुर्म, जुर्म उसी से करा रहे हो !
-डॉ.लाल रत्नाकर